मध्य प्रदेश / 40 दिन में 2 विधायकों का निधन, 16 साल में 33 विधायकों की हो चुकी है असमय मौत

40 दिन के अंतराल में मध्य प्रदेश के दो विधायकों का निधन हो गया है। 21 दिसंबर 2019 को मुरैना जिले के जौरा से विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा की मौत हुई थी। 30 जनवरी को आगर-मालवा से भाजपा विधायक मनोहर ऊंटवाल का भी असमय निधन हो गया। प्रदेश में बीते 15 साल में 33 विधायकों का निधन हो चुका है। बीते 3 विधानसभा कार्यकाल में एक साल भी ऐसा नहीं रहा जब सदन में विधायकों की संख्या पूरी रही हो। 230 सदस्यीय विधानसभा में 2 विधायकों की मौत के बाद सदस्य संख्या 228 हो गई है। 40 दिन में दो विधायकों की मौत के बाद एक बार फिर विधानसभा में वास्तुदोष की चर्चा शुरू हो गई है। 



हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा के शीत कालीन सत्र में विधायक बनवारी लाल शर्मा को श्रद्धांजलि के दौरान विधानसभा में वास्तुदोष पर चर्चा हुई थी। बनवारी लाल शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा था कि हर विधानसभा में सदस्यों के निधन होने की संख्या आठ-दस तक पहुंच जाती है। तत्कालीन विधानसभा अध्यक्षों श्रीनिवास तिवारी और ईश्वरदास रोहणी तथा अन्य ने भी इस संबंध में चिंता की थी। इस भवन में कई अनुष्ठान भी किए गए, जिन्हें कई लोगों ने माना कई लोगों ने इसकी हंसी भी उड़ाई। 



दरअसल, जब से नई विधानसभा शुरू हुई है तभी से कुछ ना कुछ अनहोनी हो रही है। इसके शुभारंभ के कुछ दिन बाद ही इसके मुख्य दरवाजे की छत का प्लास्टर गिर गया था।  दिग्विजय सिंह सरकार के कार्यकाल के दौरान 10 साल विधानसभा अध्यक्ष रहे कांग्रेस नेता श्रीनिवास तिवारी और भाजपा सरकार के कार्यकाल में अध्यक्ष रहे ईश्वरदास रोहाणी के कार्यकाल में जब विधायकों की असमय मौत हुई थी तब भी विधानसभा में वास्तुदोष का मुद्दा सदन और सदन के बाहर काफी गर्माया था। श्रीनिवास तिवारी ने वास्तु विशेषज्ञों की सलाह पर विधानसभा में अनुष्ठान भी कराया था और विधानसभा की बैठक व्यवस्था में कुछ परिवर्तन भी कराए थे।